True Motivational Story in Hindi Rajinder Singh Rahelu

true motivational story in Hindi आज की कहानी सच्ची कहानी पे आधारित है वे एक सच्चे हीरोहै। कि “असंभव कुछ भी नहीं – Nothing is Impossible”आप इस कहानी से बहुत प्रेरित होंगे सिखेंगे कभी भी हर नहीं मानना चाहिए बल्कि अपने लक्ष्यो के लिए कड़ी मेहनत करना चाहिए वो मेहनत आपको एक दिन मेहनत का फल जरूर देती है तो बिना देर किए हम आपको कहानी बताते हैं


                                   True Motivational Story in Hindi Rajinder Singh Rahelu

True Motivational Story in Hindi Rajinder Singh Rahelu

Rajinder Singh Rahelu ! शायद नाम न सुना हो, क्योंकि यह क्रिकेटर या फ़िल्मी हीरो नहीं है। बहुत ही गरीब परिवार में जन्मे राजिंदर सिंह राहेलू कभी अपने पैरों पर चल नहीं सके क्योंकि उन्हें बचपन में महज 8 महीने की उम्र में पोलियो हो गया था। लेकिन क्या आप सोच सकते है – एक व्यक्ति जिसके पैर इतने कमजोर हैTrue Motivational Story in Hindi कि वह जिंदगी में अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सका, वह 185 किलोग्राम वजन उठा सकता है ?

True Motivational Story in Hindi
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राजेंद्र सिंह राहेलू यह कारनामा दिखा चुके है। उन्होंने 2014 कामनवेल्थ खेलों (Commonwealth Games) में हैवीवेट पावर लिफ्टिंग (Power Lifting) में 185 KG. वजन उठाकर रजत पदक जीत चुके है। Rajinder Singh Rahelu उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो शारीरिक असक्षमता से पीड़ित है।


22 जुलाई, 1973 को जन्मे राजिंदर को 8 महीने की उम्र में ही पोलियो हो गया था। उनका बचपन गरीबी और विकलांगता से लड़ने में बीता, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। सन् 1996 में उन्होंने अपने मित्र से प्रेरणा लेकर वेट लिफ्टिंग में करियर बनाने की सोची। वे प्रैक्टिस करने के लिए ट्राई-साईकिल पर जाते थे और जहाँ ट्राई-साइकिल नहीं ले जा सकते थे वहां वे अपने हाथों से चलकर जाते थे।


कई मुसीबतें आई, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और बहुत जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना ली। Rajinder अपनी मेहनत से पॉवर लिफ्टिंग में कामयाब होते गए। सन् 2004 में उन्होंने 56 किलोग्राम वर्ग में एथेंस पैराओलिंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता।

उन्होंने 2008 और 2012 पैरओलिंपिक खेलों में पॉवर लिफ्टिंग खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 2012 पैराओलिंपिक खेलों में वे 175 किलोग्राम वजन उठाने में अपने तीनों प्रयासों में चूक गए लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने 2014 कॉमनवेल्थ खेलों में शानदार प्रदर्शन करके 185 किलोग्राम वजन उठाकर में रजत पदक अपने नाम किया और आज वे युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। आज वे एक कोच के रूप में युवाओं एंव असक्षम बच्चों को ट्रेनिंग देते है।

नैतिक:-

वे एक सच्चे हीरो है। उनके जैसे लोग हमारे लिए हर रोज एक नई आशा की किरण लेकर आते है जो यह साबित करती है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। Rajinder Singh Rahelu जैसे लोगों ने यह साबित किया है कि “असंभव कुछ भी नहीं – Nothing is Impossible”


True Motivational Story in Hindi
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निष्कर्ष: -

उम्मीद करते हैं अपने true motivational story in hindi की Rajinder Singh Rahelu ! कहानी से आज बहुत कुछ सिखा होगा हमें अपने आपको कभी भी कमजोरे नहीं सोचना चाहिए ऐसे लोग जिंदगी के सच्चे हीरो होते हैं और आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं आपको ये कहानी केसी लगी"नीचे टिप्पणी अनुभाग में अपने विचार साझा करना न भूलें! और अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो, तो अधिक अपडेट के लिए हमारे Blog का अनुसरण करना सुनिश्चित करें।"






















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