motivational short story in hindi तैमूर और चींटी की कहानी भारतीय लोककथाओं में एक लोकप्रिय कहानी है। कहानी बताती है कि कैसे तैमूर साम्राज्य का शक्तिशाली सम्राट तैमूर एक चींटी को देखकर एक महत्वपूर्ण सबक सीखता है। एक दिन शिकार पर जाते समय तैमूर एक चींटी को गेहूं का भारी दाना ले जाते हुए देखता है। वह सोचता है कि इतना छोटा जीव अपने से बहुत बड़ी चीज कैसे उठा सकता है। फिर वह चींटी को एक दीवार पर चढ़ते हुए देखता है, ऊपर चढ़ने का प्रयास करता है लेकिन गेहूं के वजन के कारण वापस नीचे गिर जाता है। काफी कोशिशों के बाद चींटी आखिरकार गेहूं से भरपाई कर लेती है। यह नजारा तैमूर को चौंका देता है और उसे इस बात का अहसास हो जाता हैऔर उसे चींटी की लगन और मेहनत का एहसास होता है। फिर वह अपने सैन्य अभियानों के बारे में सोचता है और यह भी कि कैसे वे कड़ी मेहनत और दृढ़ता के कारण ही सफल हुए। तैमूर एक छोटी सी चींटी से एक जरूरी सबक सीखता है और इस अहसास ने उसकी जिंदगी में एक अहम बदलाव ला दिया। कहानी हमें दृढ़ संकल्प की शक्ति के बारे में सिखाती है और याद दिलाती है कि दृढ़ता ही सफलता की कुंजी है।
तैमुर के दुश्मनों ने तैमुर का पिचा किया तो वह घने जंगलों में भाग गया और पहाड़ों में एक खंडहर में शरण ले ली। थकावट के कारण वह वहीँ लेट गया।motivational short story in hindi
तभी लेते लेते उसकी नज़र एक चींटी पर पड़ी। वह देखता है की एक चींटी एक चावल का दाना मुह में दबाकर दिवार पर चढ़ रही है, फिर वह दाना निचे गिर जाता है।
अगली बार चींटी फिर उस दानें को लेकर दिवार पर चढ़ती है और इस बार वह खुद निचे गिर जाती है। ऐसा कई बार होता है कभी वह चावल का दाना निचे गिर जाता है और कभी वह चींटी।
तैमुर लेटा-लेटा उस चींटी के प्रयासों को गिनता रहता है। वह चींटी 16 बार चावल के दानें को ले जाने में असफल होती है लेकिन 17 वि बार वह उस दानों को ले जाने में सफल हो जाती है।
तभी तैमुर को झटका लग और वह फिर से अपने दुश्मनों से लड़ने के लिए युद्ध क्षेत्र में आ गया। वह लगातार अपने दुश्मनों से लड़ता रहा और एक दिन सफ़र हो गया।
इसलिये दोस्तों, असफलता से हमें घबराना नहीं चाहिए वरन असफलता से सिख लेकर हमें आगे बढ़ना चाहिए। इसी लिए कहा गया है गिरो, उठा और आगे बढ़ो।
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अंत में, motivational short story in hindi तैमूर और चींटी की कहानी हमें एक मूल्यवान सबक सिखाती है कि महान ज्ञान और प्रेरणा सबसे अप्रत्याशित स्रोतों से भी आ सकती है, यहां तक कि सबसे छोटे जीवों से भी। शक्तिशाली सम्राट तैमूर ने एक छोटी सी चींटी से, जो गेहूं के दाने के साथ दीवार पर चढ़ने के लिए दृढ़ थी, दृढ़ता और कड़ी मेहनत का एक महत्वपूर्ण सबक सीखा। कहानी हमें याद दिलाती है कि सफलता और उपलब्धियों का मार्ग कभी आसान नहीं होता, लेकिन दृढ़ता और दृढ़ संकल्प के साथ कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है। छोटी-छोटी जीत में भी सफलता पाई जा सकती है और हमें सीखना चाहिए , चाहे वह कितनी ही छोटी क्यों न हो, और उसे अपने जीवन में लागू करना चाहिए। तैमूर और चींटी की कहानी हमेशा दृढ़ निश्चयी रहने, कड़ी मेहनत करने और कभी हार न मानने के लिए एक आवश्यक अनुस्मारक बनी हुई है, चाहे आगे की राह कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हो।P